Mhara Bhanwara Re Bhajan Lyrics म्हारा भंवरा रे भजन

म्हारा भंवरा रे..... 

स्थाई:- म्हारा भंवरा रे, जोवे जमीं पर पगला धरणा। 
म्हारा भंवरा रे, भाले भाले ने वस्तु लेणा।।

उंडा सागर रो हंसा संगड़ो नहीं करणो रे, पाल बैठे ने पगला धोणा।
पाल बैठे ने पगला धोणा म्हारा भंवरा रे

ऊँचा तरवर रो हंसा संगड़ो नहीं करणों, नीचे पड़ियोड़ा फल खाना। 
नीचे पड़ियोड़ा फल खाना म्हारा भंवरा रे

नव सौ रे नदियाँ, निनाणु नाला, ए तो उतरणा घणा दोरा।  
ए तो उतरणा घणा दोरा म्हारा भंवरा रे

पर नारी रो हंसा संगड़ो नहीं करणो रे, पथ पंचो में नहीं खोणा। 
पथ पंचो में नहीं खोणा म्हारा भंवरा रे

भणत कबीर सा सुणो भाई साधु ओ, रामजी ने लागे वे नर प्यारा। 
रामजी ने लागे वे नर प्यारा म्हारा भंवरा रे
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