The to Sancha Ho Tapdhari Bhajan थे तो साँचा हो तपधारी




थे तो साँचा हो तपधारी 


दोहा:- संत मिलन को चाहिए, तजमाया अभिमान। 
          ज्यूं ज्यूं पग आगे धरे, त्यूं त्यूं यज्ञ समान।।

स्थाई:- थे तो साँचा हो तपधारी राजेश्वर, सुण लो अरजी म्हारी। 
           सुणलो अरजी म्हारी दयालु,राजाराम अवतारी।।

सम्वत उन्नीस सौ गुणचालिस, चेत सुदी नाम आवे। 
कळबी कुल में राजाराम, थारो जनम कहावे।।

जिला जोधपुर मारवाड़ में, शिकारपुरो है गाँव। 
इण कलियुग में दुनियाँ सारी, सिंवरे थारो नाम।।



बालपणा में बिन लाठी रे, वन में गाय चारी। 
राम नाम रो सुमिरण कीनो, रया बाल ब्रह्मचारी।।

दूर-दूर सु दर्शन करवा, लोग घणेरा आवे। 
धुप दीप सूं करे आरती, मनचाया फल पावे।।

सुन्दर बणियो धाम आपरो, महिमा जग में भारी। 
केसाराम जी भक्ति भाव सूं, करे चाकरी थारी।।

राजाराम जी थांरी महिमा, दास अशोक सुणावे। 
हिवड़ा में संतोष दिरावो, चरणां शीश नवावे।।
                          ✭✭✭✭✭


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