Guru Bin Ghor Andhera Re Santo Bhajan गुरु बिन गौर अँधेरा




|| गुरु बिन गौर अँधेरा ||


गुरु देवन के देव हो 
ने आप बड़े जगदीश 
बेड़े भव् जल बिच में 
गुरु थारो विस्वा वेश

गुरु  बिन गौर अँधेरा रे संतो -२ 
बिना दीपक मिण्दरिओ ही सुनो 
अब नहीं वस्तु का वेरा हो जी ||  

जब तक कन्या रेवे कुवारी नहीं पुरुष का वेरा जी -२ 
आठो पोर अरस माहि खेले 
अब खेले खेल गनेरा हो जी 
गुरु  बिन गौर अँधेरा रे संतो
बिना दीपक मिण्दरिओ ही सुनो 
अब नहीं वस्तु का वेरा हो जी ||

मिरगे री नाव बसे किस्तूरी नहीं मिरगे को वेरा जी-२ 
रनी बनी में फिरहे भटकतो 
अब सुंगे घास गनेरा हो जी  
 गुरु  बिन गौर अँधेरा रे संतो
बिना दीपक मिण्दरिओ ही सुनो 
अब नहीं वस्तु का वेरा हो जी ||

जब तक आग रेवे पत्थर में नहीं पत्थर को वेरा जी -२ 
चकमक छोटा लागे शब्द री 
अब फेके आग चोपेरा हो जी 
गुरु  बिन गौर अँधेरा रे संतो
बिना दीपक मिण्दरिओ ही सुनो 
अब नहीं वस्तु का वेरा हो जी ||

अरे रामानंद मिलिया गुरु पूरा दिया शब्द तक सारा हो -२ 
कहत कबीर सुनो भाई संतो 
अब मिट गया भरम अँधेरा हो जी 

गुरु  बिन गौर अँधेरा रे संतो
बिना दीपक मिण्दरिओ ही सुनो 
अब नहीं वस्तु का वेरा हो जी ||
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