Samajh Manh Mera Guru Bin Mukti Na Bhajan समझ मन मेरा गुरु बिन मुक्ति ना


समझ मन मेरा गुरु बिन मुक्ति ना..........

स्थाई :- समझ मन मेरा, गुरु बिन मुक्ति ना होई । 
गुरु बिन मुक्ति ना होई, ओ भाई गुरु बिन मुक्ति ना होई,
समझ मन मेरा, गुरु बिन मुक्ति ना होई ।।

नीच वर्ण रविदास चमारा, गुरु किया मीरां बाई। 
विष रा प्याला इमरत हो गया, गुरु रे महिमा तो जग जोई।।



चार वेद षट शास्त्र पुराणा, पढिया सुख मुनि राई। 
गया वैकुंठ मोड़ दिया पाछा, गुरु रे किया जद आई।।

गुरु बिन मुक्ति नहीं किसी की, लाख करो चतुराई। 
भंवरलाल परस्या गुरु पद को, दिन-दिन मौज सवाई।।
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