सुरता ने ले नी जगाय, पिंजर पड़.....
स्थाई: सुरता ने ले नी जगाय,
पिंजर पड़ जासी ।
मनवा ने ले नी जगाय,
पिंजर पड़ जासी ।
भज ले नी भगवान,
वासना रह जासी ॥
नहीं करणो डूंगरियों रो स्नेह,
बरसतां बह जासी ।
आवे उनाळा री वाट,
खाली हो जासी ॥
सदा करो सागरियों रो स्नेह,
भरिया रह जासी ।
उपजे आनन्द अपार,
लहरां लग जासी ॥
नहीं करणी परदेशी रीप्रीत,
वे तो नट जासी ।
ऊठ चले अध रात,
धोखो दे जासी ॥
नहीं करणा मान गुमान,
काया है काची ।
संत केवे राजाराम,
माटी में मिळ जासी ॥
✽✽✽✽✽
यह भजन भी देखे
0 टिप्पणियाँ