माजीसा रो मेळो भायां.....
स्थाई: माजीसा रो मेळो भायां,
मास भादवे आवे ।
भगत काजळी तीज देवरे,
जोतां आय जगावे ॥
माता भटियाणी ने ध्यावे ॥
छोटा मोटा टाबर टोळी,
दूर-दूर सूं आवे ।
माजीसा ने मन री बातां,
मिन्दर आय सुणावे ॥
मेवा मिसरी भोग चढावे,
मीठा हरजस गावे ।
जसोल वाळी माता राणी,
सब रा कष्ट मिटावे ॥
नवरातां में मेळो लागे,
दुनियाँ दर्शण आवे ।
धूप दीप सूं करे आरती,
मनचाया फल पावे ॥
बांझड़िया ने बेटा देवे,
निर्धनियाँ धन पावे।
जो कोई सिंवरे माजीसा ने,
भवसागर तिर जावे ॥
महिमा माता भटियाणी री,
दास अशोक सुणावे ।
शरणे राखजो म्हाने मैया,
चरणां में सुख पावे ॥
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