आरती री वेळा पधारो अजमाल रा....
स्थाई: आरती री वेळा पधारो अजमाल रा,
दर्शण री बलिहारी, बाबो निकळंक नेजाधारी ॥
लीला धोळा घोड़ा कंवर रे, वाल बड़ी सिणगारी ।
लीले घोड़े कियो हरणाटो, आप चढ़ो असवारी ॥
नगर नाराणे रणसी पधारिया,
खिंव रक आँगण वाणी।
निम्बे पानां रा करोत जोड़िया,
दूधां री नदियाँ हिलोणी ॥
कच्छ भुज से जैसल तोरल पधारिया,
सादां में मणिधारी।
हेत-प्रीत से मोती निपजे,
वा तोळा दे कठियारी ॥
मेवे नगर रावलमाळ पधरिया,
धारू रिक अगवाणी।
राणी रूपां दे करे आरती,
भर फूलां गज थाळी ॥
नित-नित रिजक बँटे देवरे,
रवि ऊगे प्रभाती।
बुध-रिक बैठो भजन में बोले,
राखो लाज हमारी ॥
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