एड़ो वर काँई जोयो म्हारी माता
स्थाई : एड़ो वर काँई जोयो म्हारी माता, बन्नो भभूती वालो।।
महादेव री जान चढ़ी है, जान्या बुलाया अति भारी ओ।
आक धतूरा संग चूरी राखे, भांग पीवे वो न्यारी रे।।
बेलण ऊपर करि सवारी, जाये हिमाचल द्वारे।
हिमाचल घर सखिया बोली, बींद भभूति वालो।।
सासु जी अब थाली सजाईं, बींद टिकण तांही।
जोगो जी जद करियो पुंपाड़ो, सासु थाली पटकी।।
नारद थारो काँही रे बिगाडियो, एड़ी सगाई वठे किन्ही।
हीरा जेडी गवर पारवता ने, इण बाबा ने दिनी।।
शिव पार्वता री जोड़ बणी हे, बैठा चवरियाँ माँहि।
ब्रह्मानंद वेद पढ़न्ता, गवरा जात सासरिये।।
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