मीरां बाई छोड़ो साधुड़ा......
दोहा:- भक्त बीच पलटे नहीं, जो जुग जाय अनन्त।
ऊँच नीच घर अवतरे, वो रेवे संत रो संत।।
स्थाई:- मीरां बाई छोड़ो साधुड़ा वालो साथ,
साधुड़ा थांने लांछन लगावे जी।।
जोगीड़ा थांने नरकां ले जावे हो जी।।
नणद बाई मुखड़ा सूं मीठा बोलो,
साधु तरे ने म्हाने तारसी ओ जी।
मीरां बाई छोड़ो साधुड़ा वालो साथ,
साधुड़ा थांने लांछन लगावे जी।।
मीरां बाई पेरि लो नवलखो हार,
मोहन माला ने मेलो माँयने ओ जी।
मीरां बाई छोड़ो साधुड़ा वालो साथ,
साधुड़ा थांने नरकां ले जावे हो जी।।
नणद बाई मुखड़ा सूं मीठा बोलो,
मोहन माला तो भवसूं तारसी ओ जी।
मीरां बाई छोड़ो साधुड़ा वालो साथ,
साधुड़ा थांने लांछन लगावे जी।।
मीरां बाई पेरि लो चिकणा चीर,
भगवां तो वेश मेलो माँयने ओ जी।
मीरां बाई छोड़ो साधुड़ा वालो साथ,
साधुड़ा थांने नरकां ले जावे हो जी।।
मीरां बाई क्यूं तो लजाया म्हाने आय,
लजिया चित्तौड़ गढ़ रा कांगरा ओ जी।
मीरां बाई छोड़ो साधुड़ा वालो साथ,
साधुड़ा थांने लांछन लगावे जी।।
मीरां बाई घोड़ा सजाया राणो आज,
हस्ती तो आवे मीरां झूमता ओ जी।
मीरां बाई छोड़ो साधुड़ा वालो साथ,
साधुड़ा थांने नरकां ले जावे हो जी।।
मीरां बाई कुण थांने दीनो आशीर्वाद,
किण विध थे भगवां पेरिया ओ जी।
मीरां बाई छोड़ो साधुड़ा वालो साथ,
साधुड़ा थांने लांछन लगावे जी।।
नणद बाई गुरु मैं तो कीना रविदास,
किशन कन्हैयो वर पावियो ओ राज।
मीरां बाई छोड़ो साधुड़ा वालो साथ,
साधुड़ा थांने नरकां ले जावे हो जी।।
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