Mala Ro Maniyo Bhajan Lyrics माला रो मणियो भजन लिरिक्स

Mala Ro Maniyo माला रो मणियो 

दोहा:- माला केवे काठ की, तू क्यूं फेरे मोय। 
मन का मणका फेर ले, अरे राम मिलावे तोय।।
मला जपूं न कर जपूं, मुख से कहूं न राम।
राम हमारो हमे जपे, हम पायो विश्राम।।
माला तो मन की भली, और काठ का भारा। 
के माला में गुण होवे तो, क्यूं बेचे मणिहारा।।

स्थाई:- माला रो मणियो भजन वाळी डोरी। 
आछा घरों में पोयो, जमारो माया जाळ में खोयो।।

सत री संगत में कदेय नी आयो,
हरी रा भजन में कदेय नी आयो,
ऊपर वाड़े जोयो जमारो, माया जाळ में खोयो।।  

अलिये रे गलिये फिरे भटकतो। 
मुंडो काँच में जोयो जमारो, माया जाळ में खोयो।।

गई रे जवानी आयो बुढ़ापो। 
धोळा देख ने रोयो जमारो, माया जाळ में खोयो।।

कहत कबीर सुणो भाई साधो। 
भणत कबीर सुणो रे भाई संतो। 
काँई संसारिया में जोयो जमारो, माया जाळ में खोयो।।
                        ✪✪✪✪✪ 

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