Inh Re Anganiye Sakhi Bhajan Lyrics इण रे आंगणिये ए सखि

इण रे आंगणिये ए सखि ( धुन:- आज हमारे ओ तो रामजी )

स्थाई:- इण रे आंगणिये ए सखि, कई नर खेलण आया। 
कई खेल्या ने कई नर खेलसी, कई नर खेल सिधाया। 
इण रे आंगणिये ए सखि।।

तीन गुणां री झूंपड़ी, आ निशदिन झूठी रे। 
नैण हमारा यूं झरे, ज्यूं गागर फूटी रे। 
इण रे आंगणिये ए सखि।।

आवो रे पाँच सहेलियाँ, सीव दो नी मेरा चोला ओ। 
मैं हूँ ज्ञान गरीबणी, सायब मेरा भोला ओ। 
इण रे आंगणिये ए सखि।।

जाय उतारया पर धरा, संगी पछताया ओ। 
थे तो साथिड़ाँ थारे घर जाओ, मैं तो भया पराया ओ। 
इण रे आंगणिये ए सखि।।

आया परवाणा अमरलोक रा, अठे रेवण नहीं देला ओ। 
काजी मोहम्मद शाह यूं भणे, संतो सही कर लेणा ओ। 
इण रे आंगणिये ए सखि।।
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