बेगा-बेगा आवो नी माताजी
स्थाई:- बेगा-बेगा आवो नी माताजी म्हारे आँगणिये।
थांरी नित री जोवां बाट पधारो आँगणिये।।
चौक पुराऊँ ओ माता जी घणा फूटरा।
मैया बाँधू वंदनवार पधारो आँगणिये।।
भोग बनाऊँ ओ माता जी थारे चूरमा।
थांरी घणी करुं मनवार पधारो आँगणिये।।
फूल मंगाऊँ ओ माता जी थारे मोगरा।
ज्यां रो गूंथूं मैं गलहार पधारो आँगणिये।।
नित रा मैं गाऊँ ओ माता जी थांरी आरती।
थांरी बोलू मैं जयकार पधारो आँगणिये।।
इण कलजुग में ओ माता जी थांरो आसरो।
थांरी महिमा अपरम्पार पधारो आँगणिये।।
दास अशोक री ओ सुणीजो माता वीणती।
म्हाने भव सूं कर दो पार पधारो आँगणिये।।
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