दीवाना राधे का, मुरली वाला श्याम.....
स्थाई:- दीवाना राधे का, दीवाना राधे का,
मुरली वाला श्याम, गुजरिया नचले रे,
गुजरिया नचले रे, गोवर्द्धन के धाम,
दीवाना राधे का, दीवाना राधे का।।
राधे-राधे जपता है, सबसे ये कहता है, प्यारी लगे राधा रानी।
रास लीला करता है, राधा संग नचता है, कान्हा करे मनमानी।
ग्वाल बाल तंग हुए, ब्रजवासी तंग हुए, मगन हुए घनश्याम।
दीवाना राधे का, दीवाना राधे का।।
मैयाजी हैरान हुई, गैया परेशान हुई, कान्हा हुए बेकाबू।
सोच रही रुक्मणी, सोक मेरी कौन बणी, किसने किया ये जादू।
किसकी है प्रीत में, खोये खोये श्याम मेर, छोड़ा द्धारका का धाम।।
दीवाना राधे का, दीवाना राधे का।।
माखण से मुख मोड़ा, मठ्ठा संग दही खाना छोड़ा, सुध बुध सब बिसराई रे।
ग्वालो की ये टोली छोड़ी, कान्हा ने ठिठोली छोड़ी, बरसाने वाली मन भाई रे।
जमुना के तट घट, भूले कान्हा नटखट, भूल गए ब्रजधाम।।
दीवाना राधे का, दीवाना राधे का।।
राधा संग रास करे, ग्वालो को उदास करे, कान्हा की लीला न्यारी रे।
गोपियों को तंग करे, मन में उमंग भरे, बड़े ही रंगीले गिरधारी रे।
मथुरा में शोर मचे, नंद किशोर नाचे, वैरागी घनश्याम।।
दीवाना राधे का, दीवाना राधे का।।
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