हेली एक दिन मिन्दर में आव
स्थाई:- हेली एक दिन मिन्दर में आव,
दिखाऊँ थने राम नगरी।।
हेली बिछियाँ रा बाजे झणकार,
काय नगरी में रमत मढ़ी।।
हेली देवल में दशर्या नहीं देवे,
झालर ने कूट्यां काँई होसी।
हेली दिवाले में सींच्यो नहीं तेल,
बतियां बाल्यां सूं काँई होसी।।
हेली लेवो थारे मन ने रंगाय,
कागा ने उडाया काँई होसी।
हेली बोल्या है नाथ गुलाब,
संगत कर लो साध सती री।।
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