रामजी रो नाम म्हाने, मीठो
स्थाई:- मीठो घणो लागे म्हाने, प्यारो घणो लागे रे।
रामजी रो नाम म्हाने, मीठो घणो लागे रे।।
बाँध घुंघरा नाचां म्हें तो, सांवरिया रे आगे रे।
रामजी रो नाम म्हाने, मीठो घणो लागे रे।।
प्यारो घणो लागे म्हाने चोखो घणो लागे।।
रामजी रा मूंग चावल, रामजी री बाजरी।
रामजी रे घर रो धंधो, रामजी री हाजरी।
रामजी री प्रसादी सूं, पाप सगळा भागे रे।।
रामजी रा टाबर टोली, रामजी रा छोकरा।
दादा-दादी मॉयर बाप, रामजी रा डोकरा।
सगळा हिलमिल चालां आपां, सांवरिया रे सागे रे।।
रामजी रा महल मालिया, रामजी रा झूंपड़ा।
रामजी रा खेत माँहिने, हरिया हरिया रुंखड़ा।
रूंखड़ा री ठण्डी छायां, प्यारी घणी लागे ओ।।
रामजी री गांया भैस्यां, रामजी है दुवणियाँ।
दुआरा गऊ दोवण बैठा, रामजी है बिलोवणियाँ।
शरणागत री सारी चिन्ता, रामजी ने लागे ओ।।
रामजी रा हाथी घोड़ा, रामजी है राखणियाँ।
रामजी रथ माँहि बैठा, रामजी है हाकणियाँ।
हिलमिल सगळा बोलो नी थे,रामजी रो नाम ओ।।
रामजी रा चाँद सूरज, रामजी बणावणियाँ।
रामजी रा अड़सठ तीरथ, रामजी है नावणियाँ।
रामजी रो नाम लिया सूं, भूत सगळा भागे ओ।।
रामजी रा पेटी ढ़ोलक, रामजी वाजावणियाँ।
रामजी रा रेडिया में, रामजी है गावणियाँ।
राम रे प्रताप सूं बिजली रो खटको लागे ओ।।
रामजी री लीला गावां, रामजी री कीरती।
बोले चाले दीसे सो ही, रामजी री मूरति।
रामजी रे दर्शन सूं, भवबंधन मिट जावे ओ ।।
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