म्हारा परशुराम महादेव.....
स्थाई: ओ म्हारा परशुराम महादेव,
थांने घणी खम्मा ।
म्हारा ऊँचा पर्वत वासी थांने घणी खम्मा ॥
डूंगर चढ़ता चढ़ता बोलो,
हर हर हर महादेव जी ।
उमड़ घुमड़ कर आवे रे वादळिया,
बूंदा मेह बरसावे रे ।
झरमर झरना थारे आँगणे,
मीठा गीत सुणावे है।
सावण में उमज्यो है बाबो,
जश थारे नाम गावणा ॥
अंग भभूती गळे रूण्डमाळा,
ओ थांरो रूप सुहावणो ।
चन्द्रकला ज्यू चमके भुजंगी,
बहती ठंडी गंग धार ओ ।
त्रिलोचन दातार थांरो,
डमरू बाजे है सारे देश में ॥
डूंगर उड़े हरी चुनरिया,
चमके चांदनी रात में ।
रंग बिरंगा फूल खिले है,
मीठा गीत सुणावे है।
पग-पग धरतां बोलां बाबा,
थांरी जय जयकार जी ॥
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