शिरड़ी वाले सांई बाबा, आया है....
शेर: जमाने में कहाँ टूटी हुई तस्वीर बनती है।
तेरे दरबार में बिगड़ी हुई तस्वीर बनती है।
स्थाई: तारीफ तेरी निकली है दिल से,
आई है लब पे बन के सवाली।
शिरड़ी वाले सांई बाबा,
आया है तेरे दर पे सवाली।
लब पे दुआऐं, आँखों में आँसू,
दिल में उम्मीदें, पर झोली खाली ।
शिरड़ी वाले सांई बाबा,
आया है तेरे दर पे सवाली।
दर पे सवाली, आया है दर पे सवाली।
शिरड़ी वाले सांई बाबा,
आया है तेरे दर पे सवाली ॥
ओ मेरे सांई देवा, तेरे सब नाम लेवा ।
जुदा इन्सान सारे, सभी है तुझको प्यारे ।
सुने फरियाद सबकी, तुझे है याद सबकी।
बड़ा या कोई छोटा, नहीं मायूस लौटा।
अमीरों का सहारा, गरीबों का गुजारा।
तेरी रहमत का किस्सा आ गया,
अकबर करे क्या ।
दो दिन की दुनियाँ, दुनियाँ है गुलशन,
सब फूल काँटे, तू सबका माली ॥
शिरड़ी वाले सांई बाबा,
आया है तेरे दर पे सवाली ॥
खुदा की शान तुझमें, दिखे भगवान तुझमें ।
तुझे सब मानते हैं, तेरा घर जानते हैं।
चले आते हैं दौड़े, जो खुशकिस्मत है थोड़े।
ये हर राही की मंजिल,
ये हर कातिब का साहिल ।
जिसे सबने निकाला, उसे तूने संभाला।
तू बिछड़ों को मिलाए, बुझे दीपक जलाए।
ये गम की रातें, रातें ये काली ।
इनको बना दे ईद और दीवाली ।
शिरड़ी वाले सांई बाबा,
आया है तेरे दर पे सवाली ॥
शिरड़ी वाले सांई बाबा,
आया है तेरे दर पे सवाली।
लब पे दुआऐं, आँखों में आँसू,
दिल में उम्मीदें, पर झोली खाली ।
शिरड़ी वाले सांई बाबा,
❤ यह भजन भी देखे ❤
0 टिप्पणियाँ