Bhajan Me Jawa koni De Lyrics भजन में जावा कोनी दे

भजन में जावा कोनी दे..... 




दोहा:- जमले माँहि जावणो, जागे रावलमाळ। 
रुपां गुरु से अरज करे, गुरु म्हारे सामी भाल।।

स्थाई:- भजन में जावा कोनी दे रे, जागण में जावा कोनी दे। 
आछी परणाई ओ नुगरा माल ने ।


क्यूं नहीं किनी पारस पीपली,
रेहती मारगों रे माँय, आवता साधुड़ा छाया बैठता राम। 
म्हारो अमर वेतो नाम, आछी परणाई ओ नुगरा माल ने ।

क्यूं नहीं किनी ओ कुआ बावड़ी,
रेहती वन रे माँय, आवता साधुड़ा पाणी पीवता राम।
म्हारो अमर वेतो नाम, आछी परणाई ओ नुगरा माल ने ।


क्यूं नहीं किनी ओ वन री रोजड़ी,
चरती हरियो हरियो घास, आयोड़ा संतो रा लेती वारणा ओ राम। 
म्हारो अमर वेतो नाम, आछी परणाई ओ नुगरा माल ने ।

हाथ जोड़े ने रूपां बोलिया रे,
म्हारा साधुड़ा रो अमरापुर में वास,
आछी परणाई ओ नुगरा माल ने ।
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