नुगरा रे मुण्डे राम नहीं आवे...
स्थाई:- नुगरा रे मुण्डे राम नी आवे, केसर ढुल गई गारा में।
मोनखो जमारो एलो मत खोवो, सुकरत कर लो जमारा में।।
भैंस पदमणी ने हार पेरायो, आ काँहि समझे हारा में।
ओढ़ नी जाणे पेर नी जाणे, जनम गमायो गारा में।।
मोनखो जमारो एलो मत खोवो, सुकरत कर लो जमारा में।।
काँच रे महल में कुती सुलाई, रंगमहल चौबारा में।
एक काँच में दो-दो कुतियाँ, भस-भस मरगी जमारा में।।
मोनखो जमारो एलो मत खोवो, सुकरत कर लो जमारा में।।
हीरा ले मूरख ने दीना, दलवां बैठो सारां ने।
हीरा री गत जोहरी जाणे, काँहि खबर गंवारा ने।।
मोनखो जमारो एलो मत खोवो, सुकरत कर लो जमारा में।।
शील धरम तो आदू मारग, दया धरम तलवारां में।
अमरनाथ सन्तों रे शरणे, जीत गयो जमद्धारा में।।
मोनखो जमारो एलो मत खोवो, सुकरत कर लो जमारा में।।
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