रूणझुण बाजे घुंघरा....
दोहा: रूणझुण बाजे घुंघरा,
लीले रा असवार।
दुखियाँ ने सुखिया करो,
महिमा अपरम्पार ॥
स्थाई: रूणझुण बाजे घुंघरा,
घोड़े रा बाजे पोड़ जी ।
लीले री असवारी आवे,
आवे रामापीर जी, जियो जियो ॥
अरज करूँ अजमाल रा,
साधां तणी पुकार जी ।
राम सरोवर आपरो रे,
अलख तणो उपकार जी, जियो जियो ॥
कोई दूर देशां रा जातरूं,
थारो मेळो भरे भरपूर जी ।
दुखियाँ ने सुखिया करो रामा,
मुख पर बरसे नूर जी, जियो जियो ॥
कोई पिछम धरा रे मारगां,
एक अलबेलो असवार जी ।
लीलो हीसे धरती धूजे,
लुळ लुळ करे जवार जी, जियो जियो ॥
कोई हरजी भाटी री वीणति,
बाबा थे म्हारा माँयर बापजी ।
नुगरां ने सुगरा करो रामा,
घट में बरसे नूर जी, जियो जियो ॥
✽✽✽✽✽
यह भजन भी देखे
0 टिप्पणियाँ