Piyaji Maraya Virah Ra Teer Bhajan Lyrics पियाजी मार्या विरह का तीर भजन

पियाजी मार्या विरह का तीर

 

स्थाई: पियाजी मार्या विरह का तीर,

अब म्हारो जीव धरे नहीं धीर,

पियाजी मार्या विरह का तीर

 

बरछी खाय मरूँ पल माँहि,

के तरकस को तीर।

कहो सायब अब कैसे सहूँ रे,

कठिन बिरह की पीर

 

बिरह कलेजे छाय रही रे,

सुद बुद बिसर्यो शरीर।

तड़फ-तड़फ म्हारो तन दुख पावे,

नैणा सूं बरसे नीर॥

 

आतुर सुणो पियाजी चातुर,

मेरा सिमरथ श्याम अधीर।

सुख सागर में हंसा बैठा,

चूण करे नित हीर

 

सब अपराध क्षमा करो प्रियतम,

माफ करो तकसीर

रतना दासी शरणे आपरे,

सायब सुख री सीर

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