म्हाने जाणो सुन्धा गढ़....
दोहा: जय माता ज्वाला मुखी,
जय जय जगत करी ।
वर दे अपने भगत को,
माँ तोसे कास सरी ॥
स्थाई:
म्हाने जाणो सुन्धा जी रे धाम रे,
माँ चामुण्डा रो मेळो आयो ।
मेळा में कुण-कुण हालो रे,
हालो सुन्धा जी रे धाम जाणो ॥
ए भाई भाई रे सोनीड़ा वीरा वीनवूं रे,
हालो सुन्धाजी रे धाम जाणो ।
माँ ने झांझर ले ने मेळे आवजो रे,
माँ सुन्धाजी रे मेळे जाणो ॥
ए भाई-भाई रे मणिहारा वीरा वीनवूं रे,
माँ चामुण्डा रे धाम जाणो ।
माँ ने चुड़लो लेय ने आवजो रे,
माँ सुन्धा जी रे धाम जाणो ॥
ए भाई रे माळीड़ा वीरा वीनवूं रे,
हालो सुन्धाजी रे धाम जाणो ।
माँ ने फुलड़ा लेय ने मेळे आवजो रे,
हालो सुन्धाजी रे धाम जाणो ॥
भाई-भाई रे कुम्हार वीरा वीनवूं रे,
हालो सुन्धा जी रे धाम जाणो ।
माँ ने गरबो लेय ने मेळे आवजो रे,
माँ सुन्धा जी रे धाम जाणो ॥
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