महाराज देवरे रंग लागो.....
स्थाई: शुभ घड़ी ने वार आठम रो,
आज पीरां रो दिन आछो ।
नम रा तो नेजा रोपिया,
दशम रो जम्मो जागो,
महाराज देवरे रंग लागो ।।
दूर देशां रा आवे जातरू,
अब मेळो भरवा लागो ।
लीले घोड़े कर असवारी,
आप धणी फिरवा लागो ।।
धिरत मिठाई चढे चूरमो,
नारेळा रो ढिग लागो ।
सोहन छत्र चढे सिर ऊपर,
रूपियाँ कळश भरवा लागो ।।
आंधियाँ ने बाबो देवे आँखियां,
कोढियाँ कळंक झड़वा लागो ।
बांझियाँ ने बाबो पुत्र दिरावे,
अब परचो पड़वा लागो ।।
घणा दिनां री नींद बापजी,
ऊंडी नींद सूता जागो ।
जाट रूपजी भजे राम ने,
कर दरसण पायें लागो ।।
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