सड़कां-सड़कां दिवलियो संजोय
स्थाई:- बीरा, सड़कां-सड़कां दिवलियो संजोय भोळा सेवग रे।
जगदम्बा रो झोटो लेय ग्या चोरटा रे भाई।।
किणे रे ऐलोणे झोटो ओळखूं भोळा सेवक रे।
केड़ा रे ऐलोणे है झोटो रावळो ए भाई।।
सांवलो झोटे रो पूंछ भोळा सेवग रे।
सोना री सिंगड़िये झोटो रावळो ए भाई।।
मिलगा रे मिलगा झोटे रा एलोण भोळा सेवग रे।
एड़ा रे एलोणे झोटो ओळखो ए भाई।।
सबों रा तो झोटा चरे, घास-फूस म्हारा सेवग रे।
जगदम्बा रो झोटो डोडा एलची ए भाई।।
सबों रा तो झोटा बाँधे डोरली म्हारा सेवग रे।
जगदम्बा रो झोटो सोना सोंखली ए भाई।।
आई-आई जगदम्बा ने रीस भोळा सेवग रे।
कर दूं मेड़तिये ने टूंटो पोंगलो ए भाई।।
बाँध्या-बाँध्या हाथ ने पाँव भोळी माता ए।
नागोणां री देवी ने हेलो मारियो।।
सुणजो थे म्हारोड़ी पुकार नागोणां री माता ए।
म्हाने तो दिराजो ए अमर काँचली।।
दऊँ-दऊँ पालबंधी जात म्हारी माता ए।
भोपो तो टीका दुं मोभी दीकरो ए।।
आई-आई जगदम्बा ने दयाय भोळा सेवग रे।
कर दूं मेड़तिया ने साजो सोंतरो ए।।
खोल्या-खोल्या हाथड़ा ने पाँव नागोणा री अम्बा रे।
खोली रे मुखड़ा रे माँयली जीभड़ी ए।।
एक अरजी सुणो म्हारी मात नागोणां री देवी ए।
नागोणां री देवी हेलो साम्भलो रे भवानी।।
एक अरजी सुणो म्हारी मात नागोणां री देवी ए।
शरणे आयां री लजिया राखजो ए।।
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