गाय चरावा जाऊँ म्हारी माँ.....
स्थाई:- गाय चरावा जाऊँ म्हारी माँ, मैं तो गाय चरावा जाऊँ।
लीली-लीली घास खिलास्यूं , वा ने खूब धपाऊँ म्हारी माँ।।
नानपणा में क़ानूड़ो यूं , हठ करवण ने लागो।
रोटी लेने माता दौड़, आगे-आगे भागे।
पैर पटक ने रोवण लाग्यो, म्हूँ भूखो रे मर जाऊँ म्हारी माँ।
गाय चरावा जाऊँ म्हारी माँ, मैं तो गाय चरावा जाऊँ।।
नन्द बाबा ने कहे यशोदा, कान्हा ने समझाओ।
दे लकड़ी रा हाथी घोड़ा, इं ने परो मनाओ।
नन्द बाबा यूं केवा लाग्या, थारो बेटो थूं ही मना।
गाय चरावा जाऊँ म्हारी माँ, मैं तो गाय चरावा जाऊँ।।
गर्गाचार्य जी गोकुल आया, कान्हा रे दरसण ने।
रोती लीला देख श्याम री, खूब विया परसण वे।
गोप अष्ठमी शुभ मोहरत है, काले थूं जाजे कान्हा।
गाय चरावा जाऊँ म्हारी माँ, मैं तो गाय चरावा जाऊँ।।
माता यशोदा लाई पगरखी, पैर श्याम तू जाजे।
काँटा भाटा मति खेलजे, चौखी गाय चराजे।
जब गायां नी जूता पेहरे, म्हूँ कीकर पेरूँ म्हारी माँ।
गाय चरावा जाऊँ म्हारी माँ, मैं तो गाय चरावा जाऊँ।।
माता यशोदा बोली थोड़ी, सी रोटी तू खा ले।
वता वता कान्हा ने, ऊपर सूं माखण डाले।
बांध पोटली साथे दे दे, बैठ वठे ही खाऊँ म्हारी माँ।
गाय चरावा जाऊँ म्हारी माँ, मैं तो गाय चरावा जाऊँ।।
काली कामल कान्धे मेली, ठुमक-ठुमक नरे चाले।
कमर करधनी काना कुण्डल, होले-होले हाल।
जातो जातो बोले कानो, थोड़ो-थोड़ो लाड़ लड़ाए म्हारी माँ।
गाय चरावा जाऊँ म्हारी माँ, मैं तो गाय चरावा जाऊँ।।
✽✽✽✽✽
यह भजन भी देखे
Hare Gaas Ri Roti हरे घास री रोटी
Suta Re Wo To Jagho Neend Su सूता रे वो तो जागो नींद सू
Shyaam Aan Baso Vrandavan श्याम आने बसो वृन्दावन
Mangal Bhawan Amangal Haari मंगल भवन अंमगल हारी
Guru Dev Jagawe गुरु देव जगावे
CLOSE ADS
CLOSE ADS
0 टिप्पणियाँ