पीपाजी महाराज की आरती......
स्थाई:- ॐ जय पीपा स्वामी, गुरु जय पीपा स्वामी।
गागरोन नृप धरमी, भक्त नये नामी।।
ब्रह्मज्ञान दीक्षा दी, रामानन्द स्वामी।
राज पाट त्यागन कर, हो गये निष्कामी।।
पहुँचे पुरी द्वारिका, संग सीता दासी।
सिंधु माँहि समाये, दर्शन अभिलाषी।।
दर्शन पाये प्रभु के, जग में यश जारी।
छाप कृष्ण की तब से, जानत संसारी।।
हिंसक शेर मिला एक, कंटक वन माँहि।
देखत तेज तपस्या, गिरा चरण माँहि।।
पा उपदेश अहिंसा, सब जन हितकारी।
चहुँ दिश जय जयकार, गावत नर नारी।।
निश दिन ध्यान धरे जो, वांछित फल पावे।
दुख दारिद्र मिट जावे, नव निधि घर आवे।।
तुम हो दीनदयाल, भक्तन प्रतिपाला।
हम सब शरण तिहारी, मेटो भव जाला।।
पीपा स्वामी की आरती, जो कोई नर गावे।
प्रेमा भक्ति पावे, भाव जल तिर जावे।।
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