चिट्ठी न कोई संदेश.....
स्थाई:- चिट्ठी न कोई संदेश, जाने वो कौनसा देश,
जहाँ तुम चले गये, जहाँ तुम चले गये।।
इस दिल पे लगा के ठेस, जाने वो कौनसा देश,
जहाँ तुम चले गये, जहाँ तुम चले गये।।
एक आह भरी होगी, हमने न सुनी होगी,
जाते-जाते तुमने आवाज तो दी होगी।
हर वक्त यही है गम, उस वक्त कहाँ थे हम,
कहाँ तुम चले गये, कहाँ तुम चले गये।।
हर चीज पे अश्कों से लिखा था तुम्हारा नाम,
ये रस्ते घर गालियाँ, तुम्हें कर ना सके सलाम।
हाय दिल में रह गई बात, जल्दी से छुड़ा कर हाथ,
कहाँ तुम चले गये, कहाँ तुम चले गये।।
अब यादों के काँटे, दिल में चुभते है,
ना दर्द ठहरता है, ना आँसू रुकते है।
तुम्हें ढूँढ रहा है प्यार, हम कैसे करे इकरार,
कहाँ तुम चले गये, कहाँ तुम चले गये।।
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