द्वारिकापुरी सूं बाबो आया तो खरी
दोहा:- रामा कहूं के रामदेव, हीरा कहूं के लाल।
ज्यांने मिलिया रामदेव, पल में कीना निहाल।।
स्थाई:- द्वारिकापुरी सूं बाबो आया तो खरी,
ओ बापजी आया तो खरी।
दुर्बलियो देखे ने दर्शण देवजो हरी, ओ जी।।
धोळा धोळा नेजा धणी रे चाढ़ूं तो खरी,
ओ बापजी चाढ़ूं तो खरी।
दुर्बलियो देखे ने दर्शण देवजो हरी, ओ जी।।
प्रहलादे री बेल सांवरो आया तो खरी,
ओ बापजी आया तो खरी।
तपियोड़ा थम्बा सूं बाथों वे तो रे भरी, ओ जी।।
सिरिया दे री बेल सांवरो आया तो खरी,
ओ बापजी आया तो खरी।
बलतोड़े नीवां में बचिया तारिया हरी, ओ जी।।
मीरां रे मेड़तणी रे बेल आया तो खरी,
ओ बापजी आया तो खरी।
विष रा प्याला इमरत कीना रे हरी, ओ जी।।
नरसी भगत रे बेल सांवरो आया तो खरी,
ओ बापजी आया तो खरी।
नैनी बाई रे मायरा में पोटली धरी, ओ जी।।
भीनमाल रे गुन्दरे में आवो तो खरी,
ओ बापजी आवो तो खरी।
थारो मंदिरियो चुणायो पीछे देखो खरी, ओ जी।।
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