Sun Maharai Surta Ajab kaamani Bhajan Lyrics सुण म्हारी सुरता अजब कामणी


सुण म्हारी सुरता अजब कामणी 



दोहा:- कबीर सोया क्या करे, उठ ने भजे नी भगवान। 
जम जब घर ले जायेगें, पड़ी रहेगी म्यान।।

स्थाई:- घर रा देवलिया में घोर अंधेरो, पछे पर घर दिवला क्यूं जोवे।
सुण म्हारी सुरता अजब कामणी, भजन बिन हिरलो क्यूं खोवे।।

घर रो सोगरो सेक नहीं जाणे, पर घर फलका क्यूं पोवे। 
सुण म्हारी सुरता अजब कामणी, भजन बिन हिरलो क्यूं खोवे।।

घर का देवलिया में समद भरया है, नाडा में कपड़ा क्यूं धोवे। 
सुण म्हारी सुरता अजब कामणी, भजन बिन हिरलो क्यूं खोवे।।

घर रा देवलिया में बाग बगीचा, पर घर फुलड़ा क्यूं जोवे। 
सुण म्हारी सुरता अजब कामणी, भजन बिन हिरलो क्यूं खोवे।।


मंदिर जाय ने पूजे गोगाजी, पछे घर आवे जद क्यूं रोवे। 
सुण म्हारी सुरता अजब कामणी, भजन बिन हिरलो क्यूं खोवे।।

घर में थारे लड़े उन्दरिया, पर घर पड़ौसी रे काँई जोवे। 
सुण म्हारी सुरता अजब कामणी, भजन बिन हिरलो क्यूं खोवे।।

कहत कबीर सुणो रे भाई संतो ! हिरलां में मोती संत पोवे। 
सुण म्हारी सुरता अजब कामणी, भजन बिन हिरलो क्यूं खोवे।।
                                   ✪✪✪✪✪ 

यह भजन भी देखे 

Raam Siya Sang Aavjo

Kanchan Wali Kaya कंचन वाली काया ए, सैलानी

ऊँचो भवानी थांरो देवरो Uncho Bhawani Tharo Dewaro

Sukarat Ful Gulab Ro Mhari Heli सुकरत फूल गुलाब रो म्हारी हेली

Nache Tabariya Baba Ro Bhajan Lyrics



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ