खेतेश्वर खेड़ा में जनमियाँ
दोहा :- खेतेश्वर की महिमा गाऊं ,सुणो सभी नर नार।
आसोतरा में धाम आपरो ,ब्रह्मा रा अवतार।।
स्थाई :- खेतेश्वर खेड़ा में जनमियाँ ,थाल सोने रो बाजण लागो।
सइयाँ हिलमिल मंगल गावे ,गुड़ डलियाँ बंटवा लागो।।
महाराज गुरूजी रे रंग लागो।।
थोड़ा दिनां सूं आया सराणे ,साथीड़ा भेलो खेलण लागो।
सेण हुआ जद सगपण करियो , ओ मन में दुखडो लागो।।
सराणा सू चाल्या बापजी , गाँव गोलिया जावण लागो।
सगपण करियो जिने चीर ओढ़ायो , माथे हाथ फेरण लागो।।
गुरु गणेशानंदजी मिलिया ,अब भक्ति में मन लागो।
पिपलिये में करी तपस्या , आसोतरा आवण लागो।।
ब्रह्माजी रे मन्दिर सारूं , अब चंदो करवा लागो।
ब्रह्म समाज सूं चंदो करियो, ब्रह्म मन्दिर बणवा लागो।।
प्रतिष्ठा री करी तैयारी , अब मेलो भरवा लागो।
तुलछारामजी ने गादी बैठाया , आप स्वर्ग जावण लागो।।
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